बीमा लोकपाल
बीमा लोकपाल संस्था का निर्माण भारत सरकार द्वारा (अधिसूचना दिनांक 11/11/1998) ग्राहको की शिकायतों के त्वरित निपटान व शिकायतों के निवारण में उत्पन्न समस्या को कम करने हेतु किया गया था। बीमा लोकपाल की नियुक्ति बीमा परिषद प्रशासकीय निकाय (जीबीआईसी) द्वारा की जाती है तथा उन्हे व्यक्तिगत बीमा की निम्नलिखित तथ्यों से संबंधित शिकायतों के निवारण हेतु अधिकृत किया जाता है :
क)किसी बीमाकर्ता द्वारा दावों का आंशिक या पूर्ण अस्वीकरण
ख)दावों के निपटान में विलम्ब
ग)चुकता प्रीमियम या पॉलिसी की शर्तों के अनुसार देय प्रीमियम के बारे में कोई विवाद
घ)दावों के संबंध में पॉलिसियों की विधिक संरचना को लेकर कोई विवाद
ङ)ग्राहक द्वारा प्रीमियम का भुगतान किए जाने के बावजूद किसी बीमा दस्तावेज का निर्गमन न किया जाना
बीमाकर्ता द्वारा दावे के रद्द/अस्वीकरण/आंशिक निपटान के 1 वर्ष के भीतर शिकायतकर्ता न्याय-क्षेत्र के अनुसार 20 लाख रु. तक के दावो (सभी व्यय को शामिल कर) के लिए बीमा लोकपाल के कार्यालय में संपर्क कर सकता है। शिकायत बीमाकर्ता या कानूनी उत्तराधिकारी द्वारा विधिवत हस्ताक्षरित होनी चाहिए। बीमा लोकपाल फॉरम द्वारा शिकायत दर्ज करवाने का कोई शुल्क नहीं लिया जाता। बशर्ते शिकायतकर्ता को दावे के समान विषय पर किसी अन्य फोरम/अदालत/मध्यस्थ से संपर्क नहीं किया गया हो ।
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