शिकायतें
भारतीय जीवन बीमा निगम में शिकायत निवारण प्रणाली
लाखों पॉलिसीधारकों की विभिन्न जरूरतों और आकांक्षाओं को पूरा करने वाले एलआईसी जैसे विशाल संगठन में, ग्राहकों की शिकायतें कभी-कभी उभरकर सामने आती हैं। इन शिकायतों के निवारण के लिए एलआईसी ने एक विस्तृत शिकायत निवारण तंत्र की स्थापना की है, जिसका विवरण निम्नानुसार है:
I) शिकायत निवारण अधिकारी:
संगठन के सभी स्तरों पर शिकायत निवारण अधिकारियों को नामित किया गया है:
शाखा स्तर पर : वरिष्ठ/शाखा प्रबंधक विवरण के लिए कृपया यहाँ क्लिक करें (919 केबी)
मंडल स्तर पर : प्रबंधक, ग्रा.सं.प्र. विवरण के लिए कृपया यहाँ क्लिक करें (391 केबी)
क्षेत्रीय स्तर पर प्रादेशिक प्रबंधक ग्रा.सं.प्र. विवरण के लिए कृपया यहाँ क्लिक करें (232 केबी)
केंद्रीय स्तर पर कार्यकारी निदेशक ग्रा.सं.प्र. विवरण के लिए कृपया यहाँ क्लिक करें(235 केबी)
पेंशन एवं समूह योजना पॉलिसियों के लिए :
क्षेत्रीय स्तर पर : प्रादेशिक प्रबंधक (पेंशन एवं समूह योजनाएं)
पॉलिसीधारक इन नामित अधिकारियों से व्यक्तिगत रूप से संपर्क कर सकते हैं और अपनी शिकायतों के निवारण की मांग कर सकते हैं।
संबंधित शिकायत निवारण अधिकारी, छुट्टियों को छोड़कर सभी सोमवार को, दोपहर 2.30 बजे से शाम 4.30 बजे के बीच ग्राहकों के साथ व्यक्तिगत साक्षात्कार के लिए पूर्व अपॉइन्टमेंट के बिना, अपने कार्यालयों में उपलब्ध रहेंगे।
ग्राहक पूर्व अपॉइन्टमेंट के साथ अन्य दिनों में भी शिकायत निवारण अधिकारियों से मिल सकते हैं।
शिकायत निवारण अधिकारियों के नाम संबंधित कार्यालयों में प्रदर्शित किए गये है और समय-समय पर स्थानीय समाचार पत्रों में प्रकाशित किए जाते हैं।
II) दावा विवाद निवारण समितियाँ:
निगम प्रति वर्ष बड़ी संख्या में मृत्यु दावों का निपटान करता है तथा इन दावों के निपटान में उचित व्यवहार अपनाता है। वास्तविक दावे को अस्वीकार करना निगम की नीति नहीं है। अपने इसी रवैये को आगे बढ़ाते हुए, एलआईसी ने वर्ष 1979 में एक आंतरिक समीक्षा तंत्र कि शुरूआत की, ताकि जब भी कोई दावा अस्वीकार किया जाता है दावेदारों को दावे की समीक्षा के लिए अपील करने का अवसर दिया जा सके । दावा विवाद निवारण समिति केंद्रीय स्तर पर तथा सभी आठ क्षेत्रीय कार्यालयों में क्षेत्रीय स्तर पर कार्यरत है। केंद्रीय कार्यालय दावा विवाद निवारण समिति [सीओ सीडीआरसी] केंद्रीय कार्यालय, मुंबई में कार्यरत है और क्षेत्रीय कार्यालय दावा विवाद निवारण समिति [जेडओ सीडीआरसी] दिल्ली, कानपुर, भोपाल, कोलकाता, चेन्नई, हैदराबाद, मुंबई और पटना में स्थित सभी क्षेत्रीय कार्यालयों में कार्यरत है।
समिति में क्षेत्रीय/केंद्रीय कार्यालय के वरिष्ठ अधिकारी और एक सेवानिवृत्त जिला/उच्च न्यायालय के न्यायाधीश शामिल हैं।
जब भी किसी दावे को अस्वीकृत किया जाता है, तो दावेदार को अस्वीकृति के आधारों के बारे में स्पष्ट रूप से सूचित किया जाता है और उनकी अपील को प्राथमिकता देने के लिए क्षेत्रीय कार्यालय दावा विवाद निवारण समिति (ZO-CDRC) का पता उन्हें उपलब्ध कराया जाता है।
यदि उक्त समिति द्वारा दावे को अस्वीकार करने के निर्णय को बरकरार रखा जाता है, तो शुद्ध दावा राशि के आधार पर, दावेदार को बीमा लोकपाल या केंद्रीय कार्यालय-दावा विवाद निवारण समिति (सीओ सीडीआरसी) का पता प्रदान किया जाता है।
फिर, यदि सीओ-सीडीआरसी द्वारा दावे को अस्वीकार करने के निर्णय को बरकरार रखा जाता है, तो दावेदार को बीमा लोकपाल का पता प्रदान किया जाता है, जिनके सम्मुख दावेदार अपील कर सकता है। (विवरण के लिए, कृपया बीमा लोकपाल पर क्लिक करें)
एलआईसी द्वारा अस्वीकृत दावों की समीक्षा के लिए अपनाए गए आंतरिक तंत्र ने हमारे संचालन में पारदर्शिता और विश्वास सुनिश्चित किया है और इसके परिणामस्वरूप दावेदार एवं पॉलिसीधारकों को अत्याधिक संतुष्टि मिली है।
III) पॉलिसीधारक परिषद और क्षेत्रीय सलाहकार बोर्ड:
सभी 113 मंडल केंद्रों में, पॉलिसीधारक परिषदों की स्थापना की गई है। क्षेत्र के तीन पॉलिसीधारक, पॉलिसीधारकों के हितों का प्रतिनिधित्व करते हैं और वे उपभोक्ता के समस्याओं पर मंडल प्रबंधन से संवाद करते हैं। इसी प्रकार, सभी आठ क्षेत्रीय केंद्रों में, क्षेत्रीय सलाहकार बोर्ड कार्यरत हैं।
IV) नागरिक चार्टर:
एलआईसी ने एक नागरिक चार्टर अपनाया है जिसमें सामान्य प्रक्रियाओं के लिए मानक, पॉलिसी सर्विसिंग के लिए मानक, ग्राहकों तक सूचना के आसान पहुंच के लिए मानक और ग्राहकों के साथ व्यवहार में निष्पक्षता के लिए मानक निर्धारित किए गए हैं जिनके माध्यम से निगम ग्राहकों के प्रति अपनी प्रतिबद्धता को दोहराता है ।
हमारे मुख्य सतर्कता अधिकारी को नैतिकता के किसी भी प्रकार के उल्लंघन पर रिपोर्ट करें (429 केबी)