टिप्पणियाँ :
- ii) यह उदाहरण मानक जीवन (चिकित्सा, जीवनशैली और व्यवसाय की दृष्टि से) पर लागू होता है.
- उपर्युक्त उदाहरण में गैर गारंटीशुदा हित लाभों (1) तथा (2) की गणना इस प्रकार की गई है कि वे क्रमशः 4% प्रति वर्ष (परिदृश्य 1) और 8% प्रति वर्ष (परिदृश्य 2) के प्रतिफल की कल्पित प्रक्षेपित निवेश दर के साथ संगत हों. दूसरे शब्दों में, इस हितलाभ उदाहरण को तैयार करने में यह माना गया है कि पॉलिसी की पूरी अवधि के दौरान प्रतिफल की जो प्रक्षेपित निवेश दर LIC द्वारा अर्जित की जा सकेगी, वह यथा स्थिति, 4% प्रति वर्ष या 8% प्रति वर्ष होगी. प्रतिफल की प्रक्षेपित निवेश दर गारंटीशुदा नहीं है.
- उदाहरण का मुख्य उद्देश्य यह है कि ग्राहक परिमाणन के कुछ स्तर की भिन्न-भिन्न परिस्थितियों में उत्पाद की विशेषताओं और लाभों के प्रवाह को समझ सकें.
बीमा अधिनियम, 1938 की धारा 45:
किसी जीवन बीमा पॉलिसी के प्रभावशील होने के दिनांक से दो वर्ष की अवधि बीत जाने पर बीमाकर्ता द्वारा इस आधार पर उस पर प्रश्न नहीं उठाया जा सकता कि बीमा के प्रस्ताव में किए गए किसी कथन, या किसी चिकित्सा अधिकारी या रेफ़री या बीमित व्यक्ति के मित्र की किसी रिपोर्ट में, या पॉलिसी जारी किए जाने हेतु किसी अन्य महत्वपूर्ण दस्तावेज़ में दिया गया विवरण, जिसके परिणामस्वरूप पॉलिसी जारी की गई थी, गलत या असत्य था, जब तक कि बीमाकर्ता यह न दर्शाए कि ऐसा विवरण महत्वपूर्ण था या छिपाया गया ऐसा महत्वपूर्ण तथ्य था जिसे प्रकट करना आवश्यक था और यह कि बीमाधारक द्वारा यह छलपूर्वक किया गया था और यह जानकारी देते समय बीमाधारक यह जानता था कि विवरण गलत है या यह कि, यह उस महत्वपूर्ण तथ्य को छुपाता था जिसे प्रकट करना महत्वपूर्ण था.
बशर्ते कि यदि बीमाकर्ता को किसी भी समय आयु का प्रमाण मांगने का अधिकार हो, तो इस अनुभाग में कुछ-भी उसे इससे न रोकता हो, और किसी भी पॉलिसी को केवल इस कारण संदेहास्पद नहीं माना जाएगा, कि पॉलिसी की शर्तें, बाद में इस प्रमाण के आधार पर समायोजित की गई हों, कि बीमित व्यक्ति की आयु, प्रस्ताव में गलत बताई गई थी.
छूट पर निषेध(बीमा अधिनियम 1938 की धारा,41):
- भारत में कोई भी व्यक्ति प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से किसी भी व्यक्ति को जीवन अथवा जोखिम संबंधी बीमा लेने, नवीकरण करने अथवा उसे जारी रखने के लिए प्रलोभन हेतु अथवा देय कमीशन का पूर्ण अथवा आंशिक भाग अथवा पॉलिसी में वर्णित प्रीमियम पर कोई छूट नहीं दे सकता, केवल उस छूट को छोड़कर, जो बीमाकर्ता के विवरण पत्र अथवा सूची में प्रकाशित है: बशर्ते बीमा अभिकर्ता द्वारा स्वयं के जीवन पर स्वयं द्वारा ली गई जीवन बीमा पॉलिसी के संबंध में कमीशन की प्राप्ति को इस उपधारा के अंतर्गत प्रीमियम में छूट की स्वीकृति नहीं माना जाएगा, यदि बीमाकर्ता द्वारा ऐसी स्वीकृति, उन निर्धारित शर्तों की पूर्ति करती है जिसमें यह बताया गया है कि वह बीमाकर्ता द्वारा नियुक्त एक वास्तविक बीमा अभिकर्ता है.
- इस धारा के प्रावधानों का उल्लंघन करने वाले व्यक्ति पर अर्थदंड लगाया जाएगा, जो पाँच सौ रुपए तक हो सकता है.
टिप्पणी : “शर्तें लागू” हैं, कृपया इस संबंध में पॉलिसी दस्तावेज़ देखें या हमारे निकटतम शाखा कार्यालय से संपर्क करें.
“बीमा आग्रह की विषय-वस्तु है.”
पंजीकृत कार्यालय:
भारतीय जीवन बीमा निगम
केंद्रीय कार्यालय, योगक्षेम,
जीवन बीमा मार्ग,
मुंबई – 400021.
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