अन्य लाभ
अन्य लाभ
योजना के अंतर्गत निम्नलिखित अन्य लाभ उपलब्ध हैं:
अनुकंपा अवधि:
वार्षिक, अर्द्ध वार्षिक और त्रैमासिक प्रीमियमों के भुगतान के लिये अनुकंपा अवधि से एक महीने, लेकिन 30 दिन से कम नहीं और मासिक प्रीमियमों के भुगतान की अनुकंपा अवधि 15 दिन अनुमति योग्य होगी.
15 दिन का कूलिंग ऑफ पीरियड:
अगर आप पॉलिसी की शर्तों और नियमों से सहमत नहीं हैं, तो 15 दिन के भीतर आप हमें पॉलिसी लौटा सकते हैं.
पेड-अप (चुकता) मूल्य:
अगर इस पॉलिसी की कम से कम तीन साल की प्रीमियमें भरी गयी हों और उसके बाद की कोई प्रीमियम किसी देय तिथि पर नहीं भरी जाती, तो पॉलिसी पूर्णत: निरस्त नहीं होगी, बल्कि पॉलिसी में मूल रूप से भरी गयी प्रीमियमों और बीमित रकम के बीच जो अनुपात होता है, उसी अनुपात की एक घटे बीमित मूल्य की, जिसे चुकता मूल्य कहा जाता है, पॉलिसी बना दी जायेगी. इस तरह की घटे हुये मूल्य की पॉलिसी आगे से उसमें वर्णित प्रीमियमों के भुगतान के दायित्व से मुक्त होगी, लेकिन भावी बोनसों की हकदार नहीं होगी. पहले से घोषित निहित प्रत्यावर्ती बोनस घटी रकम की पॉलिसी से जुड़े रहेंगे, यदि कोई हों. इस तरह की घटी हुई रकम, सन्निहित बोनसों के साथ पॉलिसी की भुगतान तिथि पर या उससे पहले बीमित व्यक्ति की मृत्यु हो जाने पर एकमुश्त देय होगी. लाभ मिलना शुरु होने के बाद पॉलिसी भुगतान तिथि तक रखी जायेगी और न भरी गयी प्रीमियम की रकम, अगर कोई प्रीमियम बकाया है, अगली बार देय लाभ से उपयुक्त ब्याजदर पर मय ब्याज के काट ली जायेगी.
कर्ज़:
पॉलिसी के चुकता मूल्य अर्जित कर लेने पर, लेकिन बीमित लाभ का भुगतान शुरु होने से पहले पॉलिसी पर कर्ज़ उपलब्ध है. कर्ज़ के नियम और शर्तें और उस पर देय ब्याजदर निगम समय- समय पर तय करेगा. फ़िलहाल ब्याज दर 9% वार्षिक है, जो हर छठे महीने मूलधन में जुड़ जाता है.
ज़मानती समर्पण मूल्य:
कम से कम तीन साल तक प्रीमियम भुगतान करके जारी रखने के बाद पॉलिसी समर्पित की जा सकती है. इस पॉलिसी के तहत एकल प्रीमियम भुगतान को छोड़ कर प्रीमियम भुगतान के हर तरीके की पॉलिसी का जमानती समर्पण मूल्य पहले साल भरी गयी प्रीमियमों, अतिरिक्त प्रीमियमों वैकल्पिक/ राइडर लाभ प्रीमियमों की रकमों को छोड़ कर शेष प्रीमियमों की रकम का 30% होता है. एकल प्रीमियम पॉलिसियों का समर्पण मूल्य अतिरिक्त प्रीमियमों, वैकल्पिक/ राइडर लाभ प्रीमियमों को छोड़ कर एकल प्रीमियम का 90% होता है. निहित बोनसों का नकद मूल्य भी, अगर इस तरह का कोई बोनस मिला है, पॉलिसी समर्पित करने पर देय होता है.
पुनर्जीवीकरण:
बीमा जारी रखने के संतोषजनक प्रमाण देकर किसी लैप्स पॉलिसी को पहले न भरी गयी प्रीमियमों की देय तिथि से पांच साल के भीतर मय ब्याज के तमाम बकाया प्रीमियमों का भुगतान करके फ़िर से लागू किया जा सकता है. मौज़ूदा ब्याज दर 8% वार्षिक है, जो हर छठे महीने मूलधन में जुड़ जाता है.
वैकल्पिक राइडर लाभ:
पॉलिसी पात्रता की निम्नलिखित शर्तों के साथ अतिरिक्त प्रीमियम भुगतान पर निम्न वैकल्पिक लाभ राइडर देने की पेशकश करती है.
दुर्घटनामृत्यु और विकलांगता लाभ:
दुर्घटनामृत्यु और विकलांगता लाभ निगम के साथ ली हुयी बीमित व्यक्ति की कुल पॉलिसियों के अंतर्गत उपलब्ध मूल योजना विषय की संपूर्ण रकम 25 लाख से अधिक ना हो, पर उपलब्ध होगा.
सावधि राइडर लाभ:
सावधि राइडर लाभ, निगम से ली हुयी बीमित व्यक्ति की कुल पॉलिसियों के अंतर्गत उपलब्ध मूल योजना विषय की संपूर्ण रकम 25 लाख से अधिक ना हो, पर उपलब्ध होगा.
गंभीर बीमारी राइडर लाभ:
गंभीर बीमारी राइडर लाभ निगम के साथ ली हुयी बीमित व्यक्ति की कुल पॉलिसियों के अंतर्गत उपलब्ध मूल योजना विषय की संपूर्ण रकम 5 लाख से अधिक ना हो, पर उपलब्ध होगा.
यदि प्रीमियम छूट लाभ देय है, तो किसी भी गंभीर बीमारी स्थिति के इलाज के मामले को पॉलिसी के अंतर्गत लिया जाता है, इस मामले में पॉलिसी की कुल भावी प्रीमियमों पर छूट दी जायेगी. ऐसी पॉलिसियों पर बीमित रकम 5 लाख से अधिक नहीं होगी.
दुर्घटनामृत्यु और विकलांगता लाभ:
दुर्घटनामृत्यु हो जाने पर बीमित दुर्घटना लाभ रकम के बराबर अतिरिक्त रकम देय होती है. संपूर्ण और स्थायी रूप से विकलांग हो जाने पर ( दुर्घटना के दिन से 180 दिन के अंदर) बीमित दुर्घटना लाभ के बराबर रकम 10 वर्ष की अवधि में मासिक किश्तों में देय होती है.
दुर्घटना में आयी विकलांगता संपूर्ण और ऐसी होनी चाहिये कि बीमित व्यक्ति आजीविका कमाने के लिये कोई काम करने में सक्षम न रहे. दुर्घटना वश आयी निम्नलिखित विकलांगता स्थिति में लाभ मिलता है:
(1) दोनों आंखों की रोशनी का पूरी तरह चला जाना, जो वापस न आ सकती हो, या
(2) दोनों हाथों का कलाइयों या उनके ऊपर से कट जाना, या
(3) दोनों पैरों का टखनों या उसके ऊपर से कट जाना, या
(4) एक हाथ का कलाई या उसके ऊपर से और एक पैर का टखने या उसके ऊपर से कट जाना.
कोई भी लाभ देय नहीं होगा, यदि मृत्यु या विकलांगता इन मामलों में हुई दुर्घटना के चलते हुयी हो:
1. जानबूझ कर खुद को चोट पहुंचाने, आत्महत्या का प्रयास करने, मानसिक विक्षिप्तता या अनैतिकता या बीमित व्यक्ति के शराब के नशे या नशीली दवाईयों के नशे में होने पर
2. विमान यात्री के रूप में यात्रा करने के अलावा उड्डयन या वैमानिकी संबंधी कामों में लगे होने पर
3. दंगों या नागरिक विक्षोभ, बगावत, युद्ध, आक्रमण, शिकार, पर्वतारोहण, किसी का पीछा करते हुए या किसी भी दौड़ में भाग लेते हुये
4. किसी भी तरह का गै़र कानूनी कार्य करते समय होने वाली दुर्घटना
5.सशस्त्र बलों या सैन्य सेवाओं या पुलिस संगठन में कार्य करते समय हुयी दुर्घटना
सावधि बीमा राइडर लाभ:
पॉलिसी अवधि के भीतर बीमित व्यक्ति की मृत्यु हो जाने पर सावधि बीमा राइडर की बीमित रकम के बराबर रकम देय होती है.
अगर प्रीमियम छूट लाभ मांगा गया है, तो पॉलिसी के तहत कवर होने वाली किसी गंभीर बीमारी से ग्रस्त होने का पता चलने पर तमाम भावी प्रीमियमें (कुल किश्तवार प्रीमियमें) माफ़ कर दी जाती हैं.
निवारण:
अगर बीमित व्यक्ति (होशोहवास या मानसिक विक्षिप्तता की हालत में) पॉलिसी के तहत जोखिम लागू होने की तिथि पर या जोखिम लागू होने के एक साल के भीतर कभी भी आत्महत्या कर लेता है, तो पॉलिसी निरस्त हो जायेगी. इस अवधि के दौरान आत्महत्या किये जाने पर निगम इस पॉलिसी के आधार पर पॉलिसी में निहित तीसरे पक्ष के प्रमाणित लाभदायक हितों को छोड़कर, जिसके बारे में मृत्यु से कम- से- कम एक कैलेंडर माह पहले उस कार्यालय को सूचना दी गयी हो, जिससे पॉलिसी जारी हुई थी, किसी तरह के दावे पर विचार नहीं करेगा.
लाभ का विवरण:
वैधानिक चेतावनी
'' कुछ लाभ ज़मानती होते हैं और कुछ परिवर्तनीय, जो बीमाकर्ता कंपनी के भावी बीमा व्यापार पर आधारित होते हैं. अगर आपकी पॉलिसी ज़मानती लाभों की पेशकश करती है, तो इस पृष्ठ पर दी गयी निदर्शन तालिका में उनके आगे स्पष्ट रुप से 'ज़मानती' लिखा होगा. अगर आपकी पॉलिसी परिवर्तनीय लाभों का प्रस्ताव करती है, तो इस पृष्ठ पर दी गयी निदर्शन तालिका में दो भिन्न अनुमानित भावी निवेश आय दी गयी होंगी. ये अनुमानित आय दरें ज़मानती नहीं होतीं और न आप को मिलने वाली रक़म की ऊपरी या निचली सीमाएं ही हैं क्योंकि आपकी पॉलिसी का मूल्य भावी निवेश कारोबार समेत कई कारणों पर निर्भर करता है.''
विवरण 1: |
प्रवेश के समय उम्र ( बीमित व्यक्ति) |
|
35 साल |
पालिसी की अवधि |
|
25 साल |
प्रीमियम भुगतान अवधि |
|
25 साल |
प्रीमियम भुगतान का तरीका |
|
वार्षिक |
बीमित रकम |
|
1,05,000/- रुपये |
अनुमानित बोनस |
|
रुपये 21 प्रति हज़ार बीमित रकम 6% आय दर से |
55 रुपये प्रति हज़ार बीमित रकम पर 10% आय दर से |
अंतिम बोनस |
|
170 रुपये प्रति हजार बीमित रकम 6% आय दर से |
450 रुपये प्रति हज़ार बीमित रकम 10% आय दर से |
वार्षिक प्रीमियम |
|
4,606/- रुपये |
अतिरिक्त लाभ
वर्ष के अंत |
वर्ष के अंत तक जमा की गयी कुल प्रीमियम |
जल्दी मृत्यु हो जाने/ पालिसी अवधि के अंत तक जीवित रहने पर देय लाभ |
जमानती |
परिवर्तनीय |
कुल |
स्थिति-1 |
स्थिति-2 |
स्थिति-1 |
स्थिति-2 |
22 |
1,01,332 |
21,000 |
0 |
0 |
21,000 |
21,000 |
23 |
1,05,938 |
21,000 |
0 |
0 |
21,000 |
21,000 |
24 |
1,10,544 |
21,000 |
0 |
0 |
21,000 |
21,000 |
25 |
1,15,150 |
42,000 |
72,975 |
1,91,625 |
1,14,975 |
2,33,625 |
विवरण 2: |
प्रवेश के साथ उम्र ( बीमित व्यक्ति) |
|
35 साल |
पालिसी की अवधि |
|
25 साल |
प्रीमियम भुगतान अवधि |
|
1 साल |
प्रीमियम भुगतान का तरीका |
|
वार्षिक |
बीमित रकम |
|
1,05,000/- रुपये |
अनुमानित बोनस |
|
रुपये 24 प्रति हज़ार बीमित रकम 6% आय दर से |
92 रुपये प्रति हज़ार बीमित रकम पर 10% आय दर से |
अंतिम बोनस |
|
200 रुपये प्रति हज़ार बीमित रकम 6% आय दर से |
760 रुपये प्रति हज़ार बीमित रकम 10% आय दर से |
वार्षिक प्रीमियम |
|
59,157/- रुपये |
वर्ष के अंत |
वर्ष के अंत तक जमा की गयी कुल प्रीमियम |
जल्दी मृत्यु हो जाने/ पालिसी अवधि के अंत तक जीवित रहने पर देय लाभ |
जमानती |
परिवर्तनीय |
कुल |
स्थिति-1 |
स्थिति-2 |
स्थिति-1 |
स्थिति-2 |
1 |
59,157 |
1,05,000 |
0 |
0 |
1,05,000 |
1,05,000 |
2 |
59,157 |
1,05,000 |
0 |
0 |
1,05,000 |
1,05,000 |
3 |
59,157 |
1,05,000 |
0 |
0 |
1,05,000 |
1,05,000 |
4 |
59,157 |
1,05,000 |
0 |
0 |
1,05,000 |
1,05,000 |
5 |
59,157 |
1,05,000 |
0 |
0 |
1,05,000 |
1,05,000 |
6 |
59,157 |
1,05,000 |
0 |
0 |
1,05,000 |
1,05,000 |
7 |
59,157 |
1,05,000 |
0 |
0 |
1,05,000 |
1,05,000 |
8 |
59,157 |
1,05,000 |
0 |
0 |
1,05,000 |
1,05,000 |
9 |
59,157 |
1,05,000 |
0 |
0 |
1,05,000 |
1,05,000 |
10 |
59,157 |
1,05,000 |
0 |
0 |
1,05,000 |
1,05,000 |
15 |
59,157 |
1,05,000 |
0 |
0 |
1,05,000 |
1,05,000 |
20 |
59,157 |
1,05,000 |
0 |
0 |
1,05,000 |
1,05,000 |
25 |
59,157 |
1,05,000 |
0 |
0 |
1,05,000 |
1,05,000 |
अतिरिक्त लाभ
वर्ष के अंत |
वर्ष के अंत तक जमा की गयी कुल प्रीमियम |
जल्दी मृत्यु हो जाने/ पालिसी अवधि के अंत तक जीवित रहने पर देय लाभ |
जमानती |
परिवर्तनीय |
कुल |
स्थिति-1 |
स्थिति-2 |
स्थिति-1 |
स्थिति-2 |
22 |
59,157 |
21,000 |
0 |
0 |
21,000 |
21,000 |
23 |
59,157 |
21,000 |
0 |
0 |
21,000 |
21,000 |
24 |
59,157 |
21,000 |
0 |
0 |
21,000 |
21,000 |
25 |
59,157 |
42,000 |
84,000 |
3,21,300 |
1,26,000 |
3,63,300 |
टिप्पणियां:
(1) यह विवरण धूम्रपान न करने वाले (चिकित्सकीय, जीवन शैली और पेशे की दृष्टि से) मानक जीवन यापन करने वाले स्त्री-पुरूषों पर लागू होता है।
(2) उपर्युक्त विवरण में ग़ैर ज़मानती लाभ (1) और (2) का आकलन इस तरह किया जाता है कि वे क्रमश: (स्थिति-1) और ( स्थिति-2) में 6% और 10% वार्षिक अनुमानित निवेश आय दर के आनुषांगिक होते हैं. दूसरे शब्दों में, यह विवरण तैयार करते समय ये मान कर चला गया है कि एलआईसी पॉलिसी की अवधि के दौरान 6% और 10% वार्षिक की दर से लाभ कमायेगा. अनुमानित निवेश आय दर ज़मानती नहीं होती.
(3) इस विवरण का मुख्य उद्देश्य यह है कि ग्राहक किसी हद तक गुणात्मक रूप से उत्पाद की विशेषताओं और विभिन्न स्थितियों में लाभों के प्रवाह के मात्रा निर्धारण में सक्षम हो सके.
(4) भावी बोनस भावी लाभ पर आधारित होते हैं और इसलिये ज़मानती नहीं होते. बहरहाल, किसी भी वर्ष में एक बार यदि बोनस घोषित हो गया और पॉलिसी में जुड़ गया, तो वह ज़मानती हो जाता है.
(5)परिपक्वता लाभ पॉलिसी अवधि के अंत में दर्शायी गयी रकम है.
बीमा अधिनियम के अनुच्छेद 41 का सार:
1. कोई भी व्यक्ति प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से किसी व्यक्ति को भारत में जीवन या संपत्ति को किसी भी तरह की जोखिम की सुरक्षा का लालच देकर बीमा पॉलिसी लेने या उसका नवीनीकरण करने या उसे जारी रखने का प्रलोभन नहीं देगा या प्रलोभन नहीं देने देगा, देय कमीशन पर पूर्ण या आंशिक रूप से छूट देने, या पॉलिसी में निर्दिष्ट प्रीमियम पर किसी तरह की छूट देने का प्रलोभन नहीं देगा और न देने देगा और न पॉलिसी लेते समय, या नवीनीकरण करते समय या उसे जारी रखते समय ही कोई व्यक्ति बीमा कंपनी की विवरणिका या सारणी में वर्णित छूटों के सिवा किसी तरह की छूट स्वीकार ही करेगा, अगर कोई बीमा एजेंट अपनी बीमा पॉलिसी पर कमीशन लेता है, तो इस उप अनुच्छेद के अन्वयार्थों में उसे छूट नहीं माना जायेगा, बशर्ते कि वह बीमा अभिकर्ता निर्दिष्ट शर्तों पर खरा उतरता हो, जिससे इस तथ्य की पुष्टि हो सके कि वह बीमा कंपनी का अधिकृत अभिकर्ता है.'
2. इस अनुच्छेद के प्रावधानों का उल्लंघन करने वाले व्यक्ति पर पांच सौ रुपये तक जुर्माना किया जायेगा.
टिप्पणीः इसके साथ कुछ शर्तें जुड़ी हुई हैं. उन शर्तों की बाबत जानकारी के लिये पॉलिसी के दस्तावेज देखें या हमारे करीबी शाखा कार्यालय से संपर्क करें.