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    विशेषताऐ

    वैधानिक चेतावनी

    “ इस पॉलिसी में, निवेश प्रोफ़ाइल में निवेश जोखिम पॉलिसीधारक द्वारा वहन किया जाता है ”

    एलआईसी की जीवन साथी प्ल स एक यूनिट से जुड़ी योजना है, जहां दंपति एक ही पॉलिसी के अंतर्गत उनके जीवन के लिये बीमा सुरक्षा ले सकते हैं.योजना के अंतर्गत प्रस्ताीवक को मुख्यत बीमित जीवन (पी.एल.ए.) और अन्यन जीवन (पत्नीे/ पति) को (एस.एल.ए.) कहा जायेगा. पॉलिसी अवधि के दौरान प्रीमियम भुगतान एकमुश्तस (एकल प्रीमियम ) या नियमित रूप से किया जा सकता है. पी.एल.ए. एक सीमा के भीतर दोनो जीवनों के लिये सुरक्षा के स्तकर (बीमित रकम) का चुनाव सकता है, जो पॉलिसी के एकल प्रीमियम या नियमित प्रीमियम अनुबंध, आयु और समर्थित प्रीमियम राशि पर निर्भर करेगा. नियमित प्रीमियम पॉलिसियों के लिये, पॉलिसी अवधि के दौरान पी.एल.ए. की मृत्युत पर, योजना पर बकाया प्रीमियमों, यदि हैं, समेत सभी भावी प्रीमियमों पर छूट उपलब्धय होती है, इसके साथ ही जीवन सुरक्षा जारी रहती है.

    पी.एल.ए. के पास पॉलिसी के अंतर्गत टॉप-अप प्रीमियमों के ज़रिये अतिरिक्त. निवेशों का विकल्पक भी होगा.

    चार प्रकार की निवेश निधियों का प्रस्तातव किया गया है. निधि प्रकार का चुनाव यूनिटों को ख़रीदने के आवंटन शुल्कध के बाद प्रीमियम भुगतान पर किया जायेगा. यूनिट निधि कई प्रकार के शुल्कोंश का विषय होता है और शुद्ध संपत्ति मूल्यट (एनएवी) के आधार पर यूनिट मूल्यर बढ़ या घट भी सकता है.

    2. पात्रता शर्तें और अन्य प्रतिबंध :

    (अ) प्रवेश के समय न्यूानतम आयु - 18 वर्ष (पूरे )
    (ब) प्रवेश के समय अधिकतम आयु - 55 वर्ष (आयु निकटतम जन्म दिन )
    (स) अधिकतम परिपक्वकता आयु - 70 वर्ष (आयु निकटतम जन्म दिन)
    (द) पॉलिसी अवधि    
    नियमित प्रीमियम - [10, 15 से 20] वर्ष
    एकल प्रीमियम: - [10 से 20] वर्ष
         
    (ई) न्यूनतम प्रीमियम    
    नियमित प्रीमियम (मासिक (ईसीएस ) प्रकार के अलावा अन्य):
    [10,000] रु. प्रति वर्ष 15 से 20 वर्ष पॉलिसी अवधि के लिए.
    [15,000] रु. प्रति वर्ष 10 वर्ष पॉलिसी अवधि के लिए
     
    नियमित प्रीमियम (मासिक (ईसीएस ) प्रकार के लिए ):
    [1,000] रु. प्रति माह 15 से 20 वर्ष पॉलिसी अवधि के लिए.
    [1,500] रु. प्रति माह 10 वर्ष पॉलिसी अवधि के लिए.
     
    एकल प्रीमियम : [40,000]रु.

    नियमित प्रीमियम: पी.एल.ए. और एस.एल.ए. प्रत्येक के लिये वार्षिकीकृत प्रीमियम का 5 गुना.

    एकल प्रीमियम : पी.एल.ए. और एस.एल.ए. प्रत्येतक के लिये एकल प्रीमियम का 1.25 गुना.

     

    (फ़) अधिकतम बीमित रकम - मुख्य़ बीमित व्यबक्तिल और जीवनसाथी बीमित व्यषक्ति् दोनों ही के लिये अधिकतम बीमित रकम शर्तें अग्रानुसार हैं-

    नियमित प्रीमियम :
    प्रवेश के समय दोनों की आयु 40 वर्ष के भीतर हे, तो वार्षिकीकृत प्रीमियम का 30 गुना प्रवेश के समय दोनों में से किसी एक की आयु 41 वर्ष या इससे अधिक है, तो वार्षिकीकृत प्रीमियम का 20 गुना

    एकल प्रीमियम :
    प्रवेश के समय दोनों की आयु 40 वर्ष के भीतर है, तो एकल प्रीमियम का 5 गुना प्रवेश के समय दोनों में से किसी एक की आयु 41 वर्ष या इससे अधिक हे, तो वार्षिकीकृत प्रीमियम का 2.5 गुना

     

    इसके अलावा, जीवनसाथी की बीमित रकम मुख्यन बीमित से कम या बराबर होगी, जो न्यू नतम बीमित रकम स्थिबति का विषय होगा.

     

    जहां न्यूुनतम बीमित रकम 5,000 रु. के गुणकों में ना हो, वहां यह 5,000 रु. के अगले गुणक में पूर्णांकित होगी. वार्षिकीकृत प्रीमियमें मासिक ईसीएस के अलावा अन्यक के लिये 1,000 के गुणक में होंगी. मासिक (ईसीएस) के लिये, प्रीमियम 250 रु. के गुणकों में होगी.

    निधियों का निवेश : यूनिटों की ख़रीदी के लिये प्रीमियम आवंटन विभिन्न् निधि प्रकारों से प्रतिबद्ध निवेश प्रतिमानों के अनुरूप ही निवेशित होगा. निधियों के विभिन्नन प्रकार और उनके निवेश प्रतिमान निम्नाोनुसार होंगे :

    निधि का प्रकार सरकारी/ सरकार द्वारा गारंटित प्रतिभूतियों/ निगमित ऋण में निवेश अल्पाावधि निवेश यथा मुद्रा बाजार दस्ताावेज सूचीगत इक्विटी शेयरों में निवेश जोखिम/ प्रतिफल के लिये निधि का ब्यौमरा और उद्देश्य
    बॉन्डि निधि सुरक्षित निधि संतुलित 60 % से कम नहीं

    45 % से कम नहीं

    30 % से कम नहीं
    40% से अधिक नहीं

    40% से अधिक नहीं
    शून्यि

    15 % से कम नहीं और
    55 % से अधिक नहीं
    30 % से कम नहीं और
    कम जोखिम
    स्थिर आय- कम से
    मध्यरम जोखिम
    संतुलित आय और वृद्धि
    निधि वृद्धि निधि 20 % से कम नहीं 40% से अधिक नहीं

    40% से अधिक नहीं
    70 % से अधिक नहीं
    40 % से कम नहीं और
    80 % से अधिक नहीं
    - मध्यजम जोखिम दीर्घकालीन पूँजी वृद्धि- अधिक जोखिम

    पॉलिसीधारक के पास उपर्युक्तध 4 निधियों में से कोई भी एक चुनने का विकल्पा है.

    4. यूनिट मूल्य की गणना विधि : यूनिटों का आवंटन संबंधित निधि के उस शुद्ध संपत्ति मूल्यै (एनएवी) के आधार पर किया जाएगा, जो आवंटन की तिथि पर हो. यूनिटों की बोली मूल्यू और प्रस्तािव मूल्य में कोई अंतर नहीं होगा (दोनों ही एनएवी के बराबर होंगे). एनएवी की गणना दैनिक आधार पर की जायेगी और यह निवेश निष्पारदकता, निधि प्रबंधन प्रभार तथा इस बात पर आधारित होगा कि हर प्रकार की निधि के अंतर्गत निधि का प्रसार हो रहा है या संकुचन और इसकी गणना निम्नायनुसार की जाएगी:

    विनियोग मूल्यर लागू किया जाता है (जब निधि का प्रसार हो रहा हो):
    निधि में पड़े निवेशों का बाज़ार मूल्यह संपत्तियों के क्रय में किया गया व्याय धन, किन्हींि जारी संपत्तियों का मूल धन, निधि प्रबंधन शुल्की से प्राप्तस कोई अर्जित आय जोड़कर और किन्हींि चालू देयताओं और प्रावधानों का मूल्या घटाकर, यदि कोई हों, मूल्यांिकन दिनांक पर (कोई नई यूनिट आवंटित करने से पहले) विद्यमान यूनिटों की संख्याई से भाग करके निकाला जाता है.

    ज़ब्तीत कीमत लागू की जाती है (जब निधि का संकुचन हो रहा हो) :
    निधि में पड़े निवशों का बाज़ार मूल्यर संपत्तियों के विक्रय में किये गये व्यनय को जोड़कर, किन्हींी जारी संपत्तियों का मूल धन, निधि प्रबंधन शुल्कत से प्राप्तव कोई अर्जित आय, किन्हींे चालू देयताओं और प्रावधानों ( कोई यूनिट हटाने से पहले), यदि कोई हों, को घटाकर मूल्यांेकन की तिथि को विद्यमान यूनिटों की संख्याध से भाग करके निकाला जाता है.

    शुद्ध संपत्ति मूल्यं (एनएवी) लागू होना :
    निगम की सेवारत शाखा द्वारा एक विशेष समय पर वर्तमान में 3 बजे दोपहर(वर्तमान में 3 बजे दोपहर) तक ईसीएस या स्थाएनीय चेक या डिमांड ड्राफ़्ट द्वारा प्रीमियम भुगतान प्राप्ति होने पर उस व्यातपारिक दिन पर बंद होने वाला एनएवी लागू होगा.निगम की सेवारत शाखा इस निर्धारित समय के बाद ईसीएस या स्था नीय चेक या डिमांड ड्राफ़्ट द्वारा प्रीमियम भुगतान प्राप्त् होने पर अगले व्या पारिक दिन पर बंद होने वाला एनएवी लागू होगा.

    इसी प्रकार, निगम की सेवा शाखा द्वारा समर्पण, आंशिक निकासी, मृत्यु दावे, परिवर्तन आदि के लिये उस समय तक प्राप्त वैध आवेदनों के संबंध में उस दिन बंद होने वाला एनएवी लागू होगा. निगम की सेवा शाखा द्वारा समर्पण, आंशिक निकासी, मृत्यु दावे, परिवर्तन आदि के संबंध में उस समय के बाद प्राप्त वैध आवेदनों के लिये अगले कार्य दिवस को बंद होने वाला एनएवी लागू होगा.

    परिपक्पिवता दावे के संबंध में, परिपक्वदता की दिनांक वाला एनएवी लागू होगा.

    दिया गया समय मौज़ूदा दिशा-निर्देशों के अनुसार हैं और आईआरडीए से अनुदेशों के अनुसार उनमें परिवर्तन किये जाएंगे.

    5. योजना के अंतर्गत शुल्कव :
    अ ) प्रीमियम आवंटन शुल्कम : यह प्राप्तश की गयी प्रीमिमय में से काटे गये शुल्कोंर का प्रतिशत है. बकाया हिस्साट प्रीमियम का वह भाग बनाता है, जिसका उपयोग पॉलिसी के लिये यूनिट ख़रीदने (निवेश ) मे किया जाता है. आवंटन शुल्कि निम्नाानुसार हैं:

    एकल प्रीमियम:

    प्रीमियम बैंड आवंटन शुल्कं
    15,00,000 तक 4.25%
    15,00,001 और अधिक 4.00%

    नियमित प्रीमियम :

    प्रीमियम बैंड आवंटन शुल्कं
    वर्ष प्रथम वर्ष द्वितीय और तृतीय वर्ष इसके बाद
    10,000 से 1,50,000 29.00% 5.00% 2.50%
    1,50,001 से 2,50,000 28.00% 5.00% 2.50%
    2,50,001 और अधिक 27.50% 5.00% 2.50%

     

    टॉप- अप के लिये आवंटन शुल्क : 1.25%

    ब ) जोखिम सुरक्षा के लिये शुल्क :
    जीवितता शुल्क –
    अ) जीवन सुरक्षा शुल्क : यह वह शुल्क है, जो प्रत्येक बीमित (पी.एल.ए. और एस.एल.ए.) की जीवन बीमा सुरक्षा की लागत पूरी करने के लिये लगाया जाता है.
    ब) प्रीमियम छूट शुल्क (केवल नियमित प्रीमियम पॉलिसियों पर लागू ): यह शुल्क पी.एल.ए. की मृत्यु पर, बकाया प्रीमियमों समेत सभी भावी प्रीमियमों, यदि हों, पर छूट की लागत निकालने के लिये लगाया जाता है.
    यह आयु विशिष्टत शुल्क् है और पी.एल.ए. और एस.एल.ए. दोनों के जीवन पर हर महीने उनके जीवित रहने तक काटा जाता है. बहरहाल, भावी प्रीमियमों पर छूट की लागत की सुरक्षा के लिये काटा जाने वाला यह शुल्कन पी.एल.ए. के जीवित रहने तक ही काटा जाता है और पी.एल.ए. की आयु पर ही आधारित होता है और पी.एल.ए. की मृत्यु पर कटौती बंद हो जाती है. प्रति 1000 रु़ पर शुल्क – स्वस्थ. व्यक्ति के संदर्भ में कुछ आयुवर्गों के लिये (बकाया प्रीमियमों समेत भावी प्रीमियमों, यदि हों, पर छूट के लिये सुरक्षा और जीवन सुरक्षा की रकम ) सुरक्षा निम्नांनुसार है :

    आयु 25 35 45 55
    रु. 1.42 1.73 3.89 10.76

    स ) अन्य. शुल्क : पॉलिसी अवधि के दौरान निम्न शुल्कं कटौती की

    • » पॉलिसीधारक के निधि मूल्य् में से यूनिटों की निश्चिकत संख्याे निरस्तक करने पर मासिक आधार पर पॉलिसी प्रबंधन शुल्कय, जीवितता शुल्कि (जैसा कि पैरा 6.ब मे दिया गया है ), जैसे और जब संगत पॉलिसी प्रशासन और जीवितता शुल्कं काटे जा रहे हों..
    • » प्रीमियम आवंटन शुल्कस – प्रीमियम आवंटन के समय.
    • » निधि प्रबंधन शुल्कु– निधि प्रबंधन शुल्कु की कटौती के समय
    • » परिवर्तन शुल्कु – परिवर्तन प्रभावी होने पर
    • » बदलाव (जैसा कि विविध शुल्क के अंतर्गत दिया गया है) – पॉलिसी में बदलाव की दिनांक पर इस शुल्क का स्तवर समय- समय पर लागू सेवा कर की दर के अनुरूप होगा. वर्तमान में, सेवा कर की दर 10% के साथ शैक्षणिक उपकर 3% और इस तरह कुल मिलाकर प्रभावी दर 10.30% है.
    जायेगी :
    1. पॉलिसी प्रशासन शुल्क् - पॉलिसी के पहले वर्ष के दौरान 60 रु. प्रति माह , दूसरे वर्ष के दौरान 20 रु. प्रति माह और उसके बाद तीसरे वर्ष से पॉलसी अवधि के अंत तक 20 रु. प्रति माह और इस तरह 3% प्रति वर्ष की तीव्रता से लगाया जायेगा.
    2. निधि प्रबंधन शुल्कन – यह शुल्कऔ यूनिटों के मूल्यय के प्रतिशत के आधार पर निम्नांेकित दरों पर लगाया जाता है:
      ‘’बॉन्डि’’ निधि के लिये यूनिट निधि का 0.60% प्रति वर्ष
      ’’सुरक्षित’’ निधि के लिये यूनिट निधि का 0.80% प्रति वर्ष
      ‘’संतुलित’’ निधि के लिये यूनिट निधि का 1.00% प्रति वर्ष
      ’’वृद्धि’’ निधि के लिये यूनिट निधि का 1.20% प्रति वर्ष
    3. परिवर्तन शुल्कॉ – यह शुल्कत धन को एक निधि से दूसरी निधि में परिवर्तित करने पर लगाया जाता है. जारी पॉलिसी वर्ष में 4 परिवर्तनों की निशुल्क रूप से अनुमति होगी. इसके बाद उस वर्ष में परिवर्तन करने पर प्रति परिवर्तन 100 रु. शुल्कअ देय होगा.
    4. बोली/प्रस्ताेव विस्तारर – शून्यु .
    5. समर्पण शुल्कक – शून्य .
    6. विविध शुल्की –यह शुल्कर अनुबंध के भीतर बदलाव पर लगाया जाता है, जैसे प्रीमियम प्रकार में बदलाव वगैरह. एक बदलाव पर 50 रु.तक के शुल्कर की अनुमति है.
    7. सेवा कर शुल्क – सेवा शुल्क कर, यदि हो, निम्नै शुल्कोंम पर लगाया जायेगा:

     

    द) शुल्कोंम के पुनरावलोकन का अधिकार : निगम प्रीमियम आवंटन शुल्कव और जीवितता शुल्कं के अलावा उपर्युक्त में से सभी और किसी भी शुल्कध के पुनरावलोकन का अधिकार सुरक्षित रखता है. शुल्कोंभ में कोई भी बदलाव आईआरडीए की पूर्व अनुमति के बाद भविष्या में प्रभावी होगा.

    हालांकि शुल्क पुनरावलोकन योग्य हैं, फ़िर भी वे सेवा कर को छोड़कर निम्नां कित अधिकतम सीमा का विषय होंगे:

      - पॉलिसी प्रशासन शुल्क:
       पॉलिसी के पहले वर्ष के दौरान 150 रु. प्रति माह , दूसरे वर्ष के दौरान 50 रु. प्रति माह और उसके बाद तीसरे वर्ष से पॉलसी अवधि के अंत तक 50 रु. प्रति माह और इस तरह 3% प्रति वर्ष की तीव्रता से लगाया जायेगा.

      - निधि प्रबंधन शुल्कन : प्रत्येकक निधि के लिये अधिकतम निम्नारनुसार होगा :

    • » बॉन्डृ निधि:       यूनिट निधि का 1.20% प्रति वर्ष
    • » सुरक्षित निधि:     यूनिट निधि का 1.60% प्रति वर्ष
    • » संतुलित निधि :    यूनिट निधि का 2.00% प्रति वर्ष
    • » वृद्धि निधि:        यूनिट निधि का 2.40% प्रति वर्ष

     - परिवर्तन शुल्का 200 रु. प्रति परिवर्तन से अधिक नहीं होगा.

      - विविध शुल्कन प्रत्येक समय, जब बदलाव का आग्रह किया गया हो, 100 रु. से अधिक नहीं होगा.

    यदि पॉलिसीधारक शुल्कोंक के पुनरावलोकन से सहमत ना हो, तो इस स्थि ति में पॉलिसीधारक के पास अनुबंध निरस्तु करने और अपना निधि मूल्यस निकासित करने का विकल्पथ होगा.

    6. समर्पण :
    एकल और नियमित प्रीमियम दोनों ही मामलों में समर्पण मूल्यण, यदि कोई है, तीन पॉलिसी वर्षगांठ पूरी होने के बाद ही भुगतान योग्य् होगा. समर्पण मूल्यह समर्पण दिनांक पर पॉलिसीधारक का निधि मूल्यक होगा. इस पर कोई समर्पण शुल्कर नहीं लगेगा.
    पॉलिसी पी.एल.ए. के द्वारा समर्पित की जा सकती है. पॉलिसी अवधि के दौरान पी.एल.ए. की मृत्यु के बाद पॉलिसी एस.एल.ए. द्वारा समर्पित की जा सकती है.

    यदि पी.एल.ए./ एस.एल.ए.पॉलिसी शुरू होने के 3 वर्ष के भीतर समर्पण के लिये आवेदन करते हैं, तो पॉलिसीधारक का निधि मूल्या मौद्रिक शर्तों में परिवर्तित कर दिया जायेगा. इसके बाद किसी तरह के शुल्को नहीं लिये जायेंगे और पॉलिसी शुरू होने की दिनांक से 3 वर्ष पूरे होने के बाद इस मौद्रिक राशि का भुगतान कर दिया जायेगा.

    यदि समर्पण की दिनांक के बाद, परंतु पॉलिसी के शुरू होने की दिनांक से 3 वर्ष पूरे होने के पहले पॉलिसीधारक की मृत्युा हो जाती हे, तो भी मौद्रिक मूल्य 3 वर्ष की अवधि पूरी होने के बाद ही देय होगा.

    अनिवार्य समर्पण :
    निम्नलिखित मामलों में पॉलिसी अनिवार्य रूप से समर्पित की जायेगी :

    • » जहां पुनर्जीवीकरण की अवधि के दौरान पॉलिसी पुनर्जीवित ना की गयी हो या पी.एल.ए. ने पुनर्जीवन अवधि (जहां कम से कम 3 वर्ष तक प्रीमियम भरी गयी हो ), के बाद सुरक्षा जारी रखने का चुनाव ना किया हो, पॉलिसी के शुरू होने की दिनांक से 3 वर्ष पूरे होने या पुनर्जीवन अवधि के समाप्तय होने के बाद, जो भी बाद में हो, पॉलिसी निरस्तल कर दी जायेगी.बहरहाल,यदि पुनर्जीवन अवधि समाप्तो होने से पहले परिपक्वलता की दिनांक आ जाती है, तो पॉलिसी परिपक्वुता की दिनांक पर निरस्तो होगी.
    • » एकल प्रीमियम या नियमित प्रीमियम मामले में, जहां प्रीमियमें 3 वर्ष से कम समय तक भरी गयी हों और पॉलिसीधारक के निधि मूल्यल का शेष संबद्ध शुल्कों के पुनर्भरण के लिये पर्याप्त ना हो;
    • » नियमित प्रीमियम पॉलिसी के मामले में, जहां प्रीमियमें कम से कम 3 वर्षों तक भरी गयी हों और पॉलिसीधारक के निधि मूल्य का न्यू नतम शेष एक वार्षिकीकृत प्रीमियम से कम हो गया हो.

    पॉलिसीधारक का निधि मूल्यि निम्ना्नुसार मौद्रिक मूल्यष में परिवर्तित होगा :

    समर्पण के लिये आवेदन की दिनांक पर या जिस दिनांक पर पुनर्जीवन अवधि समाप्ती होती है (अनिवार्य समर्पण के मामले में ), जैसा भी मामला हो, उसी दिनांक पर एनएवी को पॉलिसीधारक की निधि में मौज़ूद यूनिटों की संख्याद से गुणा किया जाता है. वही मौद्रिक राशि होगी.

    7. अन्य विशेषताएं :

    1. टॉप-अप (अतिरिक्तल प्रीमियम ): पी.एल.ए. 1000 रु. के गुणकों में पॉलिसी अवधि के दौरान किसी भी समय बीमित रकम बढ़ाये बिना ही टॉप-अप प्रीमियम भर सकता है. वार्षिक, अर्द्धवार्षिक, त्रैमासिक या मासिक (ईसीएस ) रूप से प्रीमियम भुगतान प्रकार में इस तरह के टॉप-अप तभी भरे जा सकते है, जबकि पॉलिसी के अंतर्गत सभी बकाया प्रीमियमे अदा कर दी गयी हों. किसी भी समय में, कुल टॉप-अप प्रीमियमें उस दिनांक तक भुगतान की गयी कुल नियमित प्रीमियमों के 25% और एकल प्रीमियम के 25% से अधिक नहीं हो सकती.
      पी.एल.ए. की मृत्युि के बाद टॉप-अप प्रीमियम भुगतान की अनुमति नहीं होगी.
    2. आंशिक निकासी : पी.एल.ए. तीसरी पॉलिसी वर्षगांठ के बाद निम्नारनुसार यूनिटों का आंशिक रूप से नकदीकरण कर सकता है:
      • » आंशिक निकासी निश्चिबत राशि के रूप में या यूनिटों की निश्चिअत संख्या के रूप में हो सकती है.
      • » नियमित प्रीमियम पॉलिसियों के अंतर्गत, जहां प्रीमियम भुगतान 3 वर्ष से कम किया गया हो और उसके बाद की प्रीमियमें ना भरी गयी हों, आंशिक निकासी की अनुमति नहीं होगी.
      • » नियमित प्रीमियम पॉलिसियों के अंतर्गत, जहां कम से कम 3 वर्ष तक प्रीमियमें भरी गयी है, आंशिक निकासी की अनुमति पॉलिसीधारक के निधि मूल्य में न्यूंनतम दो वार्षिकीकृत प्रीमियमों के बराबर रकम शेष होने पर ही होगी.
      • » एकल प्रीमियम पॉलिसियों के अंतर्गत, आंशिक निकासी की अनुमति पॉलिसीधारक की निधि में न्यूपनतम 5000 रु. शेष रहने पर या एकल प्रीमियम का 10%, जो भी अधिक हो, शेष रहने पर होगी.
      • » पॉलिसीधारक की निधि से टॉप-अप प्रीमियमों की संबद्धता के मामले में आंशिक निकासी की अनुमति टॉप-अप प्रीमियम के आवंटन की दिनांक के बाद से होगी. यदि टॉप-अप प्रीमियमें पॉलिसी अवधि के अंतिम तीन वर्ष के दौरान भरी जाती हें तो यह शर्त लागू नहीं होगी.
      • » पॉलिसीधारक की निधि से टॉप-अप प्रीमियमों की संबद्धता के मामले में आंशिक निकासी की अनुमति टॉप-अप प्रीमियम के आवंटन की दिनांक के बाद से होगी. यदि टॉप-अप प्रीमियमें पॉलिसी अवधि के अंतिम तीन वर्ष के दौरान भरी जाती हें तो यह शर्त लागू नहीं होगी.
      • » यदि पी.एल.ए. या एस.एल.ए. की मृत्युत के बाद पॉलिसीधारक की निधि में मृत्युू लाभ बीमित रकम स्थािनांतरित हो जाती है, तब इसे तीन वर्ष की प्रतीक्षा अवधि के किसी प्रतिबंध के बिना भी निधि से निकासित करने की अनुमति होगी.
      • » पॉलिसी अवधि के दौरान पी.एल.ए. की मृत्यु के बाद, एस.एल.ए. उपर्युक्तु (i) से (vi) में उल्लिबखित शर्तों के अनुरूप यूनिटों की आंशिक निकासी कर सकता/ सकती है.
    3. परिवर्तन : पॉलिसीधारक (पी.एल.ए. और यदि पी.एल.ए. जीवित नहीं है, तो एस.एल.ए.) पॉलसी अवधि के दौरान किसी भी निधि प्रकार के बीच परिवर्तन कर सकता है. जारी पॉलिसी वर्ष के भीतर 4 परिवर्तन निशुल्कच करने की अनुमति होगी. इसके बाद के परिवर्तन प्रति परिवर्तन 100 रु. शुल्क का विषय होंगे.
    4. जोखिम सुरक्षा का बढ़ना / घटना : योजना के अंतर्गत सुरक्षाओं की वृद्धि की अनुमति नहीं है. बहरहाल, पी.एल.ए. पॉलिसी अवधि के दौरान वर्ष में एक बार अपने, जीवनसाथी या दोनों के लिये जोखिम सुरक्षा घटा सकता है, जबकि पॉलिसी के अंतर्गत सभी बकाया प्रीमियमें भर दी गयी हों. सुरक्षा का घटा हुआ स्तलर उपर्युक्तक पैरा 3 में दी गयी निर्धारित सीमाओं के भीतर उपलब्धक होगा. इसके अलावा, एक बार जोखिम सुरक्षा घट जाने पर, उसे ही बाद में बढ़ाया/ संरक्षित नहीं किया जा सकता.
    5. पॉलिसीधारक की निधि में मृत्यु लाभ बीमित रकम स्थायनांतरित करने का विकल्प: पी.एल.ए. या एस.एल.ए. की मृत्यु होने के मामले में जीवित व्यतक्ति के पास मृत्युल लाभ (बीमित रकम) तुरंत ना लेकर पॉलिसीधारक की निधि में स्थारनांतरित करने का विकल्पय रहता है. यह विकल्प मृत्य की सूचना के साथ अभ्यास में आता है. पॉलिसीधारक की निधि से यह राशि तीन वर्षों के प्रतीक्षा अवधि प्रतिबंध के बिना ही भविष्यथ में किसी भी समय आंशिक निकासी की तर्ज पर पूर्ण या आंशिक रूप से निकासित किया जा सकता है.
    6. पुनर्जीवन अवधि के बाद सुरक्षा जारी रखने का विकल्पग : पॉलिसी के अंतर्गत यदि तीन वर्ष तक प्रीमियमें भरी गयी हैं, पी.एल.ए. पुनर्जीवन अवधि में पॉलिसी पुनर्जीवित ना करने के बाद भी बिना कोई प्रीमियमों का भुगतान किये सुरक्षा जारी रखने का विकल्पम चुन सकता है. इस विकल्पप को पुनर्जीवन अवधि के समाप्ति होने के कम से कम एक महीने पहले अपनाये जाने की ज़रूरत होगी.यदि यह विकल्प लिया जाता है, तो पॉलसी निधि से संबद्ध शुल्के काटे जाने के बाद पॉलिसी के अंतर्गत जीवन सुरक्षा और प्रीमियम छूट के लिये सुरक्षा जारी रहती है. पॉलिसीधारक का निधि मूल्यप एक वार्षिकीकृत प्रीमियम तक पहुंचने तक यह विकल्पह जारी रहेगा. पुनर्जीवन अवधि समाप्त होने के बाद कोई अन्यह प्रीमियम भुगतान की अनुमति नहीं होगी.
    7. प्रीमियमों का भुगतान रोकना : यदि प्रीमियमें वार्षिक, अर्द्धवार्षिक, त्रैमासिक या मासिक (ईसीएस) रूप से भुगतान योग्यर हैं और पॉलिसी के अंतर्गत अनुकंपा के दिनों में इनका विधिवत भुगतान नहीं किया जाता है, तो पॉलिसी निरस्ति हो जायेगी. एक निरस्तव पॉलिसी को पहली भुगतान ना की गयी प्रीमियम की निर्धारित दिनांक से दो वर्ष के दौरान पुनर्जीवित किया जा सकता है.

      I. जहां कम से कम तीन वर्षों की प्रीमियमें भरी गयी हों और पॉलिसी निरस्तौ हो गयी हो, पुनर्जीवन अवधि के दौरान जीवन सुरक्षा और प्रीमियम छूट लाभ जारी रहेंगे.

      इस अवधि के दौरान अन्यख शुल्कोंा के अतिरिक्तय हमेशा की तरह हर माह पॉलिसीधारक के निधि मूल्य् में से एक निश्चिसत संख्या में यूनिटें निरस्त् कर जीवितता शुल्कह लिये जायेगे.संबद्ध जोखिम सुरक्षा की उपलब्धाता इनके लिये जारी रहेगी :
      1. पहली भुगतान ना की गयी प्रीमियम की निर्धारित दिनांक से दो वर्ष, या
      2. परिपक्व ता की दिनांक तक,
      3. उस अवधि तक, जबकि पॉलिसीधारक का निधि मूल्यह एक वार्षिकीकृत प्रीमियम तक घट जाता है, जो भी पहले हो .
    8. इसके अलावा, पी.एल.ए. पुनर्जीवन अवधि में पॉलिसी को पुनर्जीवित कराये बिना ही सुरक्षा जारी रखने का विकल्पह चुन सकता है. इस विकल्पप को पुनर्जीवन अवधि के समाप्ति होने के कम से कम एक महीने पहले अपनाये जाने की ज़रूरत होगी.यदि यह विकल्पल लिया जाता है, तो पॉलसी निधि से संबद्ध शुल्क काटे जाने के बाद पॉलिसी के अंतर्गत जीवन सुरक्षा और प्रीमियम छूट के लिये सुरक्षा जारी रहती है. पॉलिसीधारक का निधि मूल्यस एक वार्षिकीकृत प्रीमियम तक पहुंचने तक यह विकल्पज जारी रहेगा. पुनर्जीवन अवधि समाप्तु होने के बाद कोई अन्य प्रीमियम भुगतान की अनुमति नहीं होगी.

      पॉलिसी के अंतर्गत भिन्नि आकस्मिक परिस्थिातियों में उपर्युक्ति उल्लिीखित अवधि के दौरान भुगतान योग्य लाभ निम्नासनुसार होंगे :
      1. पी.एल.ए. की मृत्‍यु पर, जबकि एस.एल.ए. जीवित हो : पी.एल.ए. के नाम से आवेदित बीमित रकम एस.एल.ए. को देय होगी और पॉलिसी के अंतर्गत सभी भावी प्रीमियमों पर छूट मिल जायेगी. बकाया प्रीमियमों समेत सभी भावी प्रीमियमों के बराबर राशि के समतुल्‍य यूनिटें, यदि हों, (पॉलिसी के अंतर्गत सभी भुगतान योग्‍य प्रीमियमों में से सभी भरी जा चुकी प्रीमियमों को घटाकर ) पॉलिसीधारक की निधि में जमा हो जायेंगी. पॉलिसी के अंतर्गत लिये गये निधि प्रकार के अनुरूप यूनिट मूल्‍य पर यूनिटें आवंटित की जायेंगी.पॉलिसी जारी रहेगी.
      2. एस.एल.ए. की मृत्‍यु के बाद पी.एल.ए. की मृत्‍यु पर : पी.एल.ए. के नाम से आवेदित बीमित रकम के साथ पॉलिसीधारक के निधि मूल्‍य समेत बकाया प्रीमियमों सहित सभी भावी प्रीमियमें, यदि हों, (पॉलिसी के अंतर्गत सभी भुगतान योग्‍य प्रीमियमों में से सभी भरी जा चुकी प्रीमियमों को घटाकर ) देय होंगी और पॉलिसी समाप्तय हो जायेगी.
      3. एस.एल.ए.की मृत्यु के बाद, जबकि पी.एल.ए. जीवित हो: एस.एल.ए. के नाम से आवेदित बीमित रकम पी.एल.ए. को देय होगी.
      4. एस.एल.ए.की मृत्युॉ के बाद पी.एल.ए. की मृत्युू पर : एस.एल.ए. के नाम से आवेदित बीमित रकम के साथ पॉलिसीधारक का निधि मूल्ये देय होगा और पॉलिसी समाप्तय हो जायेगी.
      5. पी.एल.ए.और एस.एल.ए. की समकालिक मृत्युि पर: पी.एल.ए. और एस.एल.ए. दोनों के नाम से आवेदित बीमित रकम के साथ पॉलिसीधारक के निधि मूल्यी समेत बकाया प्रीमियमों सहित सभी भावी प्रीमियमों के बराबर राशि, यदि हों, देय हो्गी और पॉलिसी समाप्तव हो जायेगी.
      6. परिपक्वगता पर: पॉलिसीधारक का निधि मूल्य .
      7. समर्पण के मामले में (अनिवार्य समर्पण समेत ): पॉलिसीधारक का निधि मूल्या. बहरहाल, समर्पण मूल्यस का भुगतान तीन पॉलिसी वर्ष पूरे होने के बाद ही किया जायेगा.
      8. आंशिक निकासियों के मामले में : पॉलिसीधारक के निधि मूल्यी में दो वार्षिकीकृत प्रीमियमों के बराबर रकम शेष रहने पर आंशिक निकासियों की अनुमति होगी.

        II. जहां कम से कम 3 वर्षों तक प्रीमियमों के भुगतान के बिना पॉलिसी निरस्त हो जाती है, वहां जीवन सुरक्षा और प्रीमियम छूट लाभ सुरक्षा समाप्त हो जायेगी और इन लाभों के लिये कोई भी शुल्क्ज‍ नहीं लिये जायेंगे. बहरहाल, अन्यन सभी शुल्कोंो की कटौती जारी रहेगी. एक निरस्त पॉलिसी के अंतर्गत लाभों का भुगतान निम्नारनुसार होगा :
      9. पी.एल.ए. की मृत्‍यु पर, जबकि एस.एल.ए. जीवित हो: पॉलिसीधारक का निधि मूल्यो देय होता है और पॉलिसी समाप्तत हो जायेगी.
      10. एस.एल.ए. की मृत्यु के बाद पी.एल.ए. की मृत्यु् पर : पॉलिसीधारक का निधि मूल्य् भुगतान योग्य. होता है और पॉलिसी समाप्तर हो जायेगी.
      11. एस.एल.ए. की मृत्यु पर, जबकि पी.एल.ए. जीवित हो : शून्य.
      12. पी.एल.ए और एस.एल.ए.की समकालिक मृत्युो पर: पॉलिसीधारक का निधि मूल्यै देय होता है और पॉलिसी समाप्त हो जायेगी.
      13. समर्पण के मामले में (अनिवार्य समर्पण समेत ): पॉलिसी की तीसरी वर्षगांठ पूरी होने के बाद पॉलिसीधारक का निधि मूल्य(/ यूनिटों का मौद्रिक मूल्यस, जैसा मामला हो, भुगतान योग्यध होगी. पॉलिसी के शुरू होने की दिनांक से 3 वर्ष के भीतर कोई राशि भुगतान योग्यु नहीं होगी.
      14. आंशिक निकासी के मामले में : इस तरह की पॉलिसी पर 3 वर्ष पूरे होने के बाद भी आंशिक निकासियों की अनुमति नहीं होगी.
    9. पुनर्जीवीकरण : यदि अनुकंपा दिनों के भीतर बकाया प्रीमियम नहीं भरी जाती, तो पॉलिसी निरस्तन हो जाती है. पी.एल.ए. द्वारा पहली भुगतान ना की गयी प्रीमियम की निर्धारित दिनांक से दो वर्ष की अवधि के दौरान या परिपक्वदता से पहले, जो भी पहले हो, एक निरस्त पॉलिसी पुनर्जीवित की जा सकती है. वह अवधि, जिसमें पॉलिसी पुनर्जीवित की जा सकेगी, को “पुनर्जीवन की अवधि” या “पुनर्जीवन अवधि” कहा जायेगा.

      यदि कम से कम 3 पूरे वर्षों तक प्रीमियमें ना भरी गयी हों, तो पहली भुगतान ना की गयी प्रीमियम की निर्धारित दिनांक से दो वर्षों के भीतर पॉलिसी पुनर्जीवित की जा सकती है. निगम की संतुष्टिन के लिये दोनों ही व्येक्तिपयों की बीमा जारी रखने की सुनिश्चिततता के प्रमाण प्रस्तुित कर और बिना ब्यायज के सभी बकाया प्रीमियमों का भुगतान कर पुनर्जीवन किया जा सकेगा.

      यदि कम से कम 3 पूरे वर्षों तक प्रीमियमें भरी गयी हैं और उसके बाद की प्रीमियमों का भुगतान ना किया गया हों, तो पहली भुगतान ना की गयी प्रीमियम की निर्धारित दिनांक से दो वर्ष के भीतर, पर परिपक्व ता दिनांक से पहले, जो भी पहले हो, पॉलिसी को पुनर्जीवित किया जा सकता है. बीमा जारी रखने संबंधी किसी प्रमाण की ज़रूरत नहीं होगी और बकाया प्रीमियम का बिना ब्या ज भुगतान करने की आवश्यसकता होगी.

      निगम अपनी शर्तों पर पुनर्जीवन को स्वीाकार करने या किसी निरस्त पॉलिसी के पुनर्जीवन को अस्वीीकार करने का अधिकार सुरक्षित रखता है. किसी निरस्तं पॉलिसी का पुनर्जीवीकरण निगम के अनुमोदन के बाद ही प्रभावी होगा और पी.एल.ए. को विशेष रूप से लिखित में इसकी सूचना दी जाती है.

      उपर्युक्त कथन के विपरीत, यदि 3 वर्षों से कम समय तक प्रीमियमें भरी गयी हैं और पॉलिसीधारक का निधि मूल्य शुल्कों की भरपाई के लिये पर्याप्तर ना हो, तो पॉलिसी समाप्त, हो जायेगी और उसके बाद पुनर्जीवीकरण उपलब्ध नहीं होगा. यदि 3 वर्षों या 3 वर्षों से अधिक समय तक प्रीमियमें भरी गयी हैं और पॉलिसीधारक का निधि मूल्यप एक वार्षिकीकृत प्रीमियम तक घट जाता है, तो पॉलिसी समाप्तन हो जायेगी और उस दिनांक तक पॉलिसीधारक का निधि मूल्य पी.एल.ए. की और यदि पी.एल.ए. जीवित ना हो, तो एस.एल.ए. की निधि में जमा हो जायेगा और उसके बाद पुनर्जीवीकरण की अनुमति नहीं होगी.

    10. निपटान विकल्पा : जब पॉलिसी परिपक्वदता के लिये आती है, (पी.एल.ए. और यदि पी.एल.ए. जीवित ना हो, तो एस.एल.ए..) “निपटान विकल्पि ” अपना सकता है और पॉलिसी के धन को एक अवधि तक किश्तों में, जो परिपक्ववता की दिनांक से पांच वर्ष से अधिक नहीं हो सकता, विस्तािरित कर सकता है. निपटान विकल्पत के दौरान निधि प्रबंधन शुल्की के अलावा कोई भी अन्य शुल्कश नहीं काटे जायेंगे. इस अवधि के दौरान कोई भी जीवन सुरक्षा नहीं होगी. विशिष्ट दिनांक को देय किश्तो का मूल्यि निवेश जोखिम का विषय होगा. निधि के प्रदर्शन के आधार पर एनएवी बढ.या घट सकता है.

    पुनर्स्थारपन : एक बार समर्पित होने के बाद पॉलिसी पुनर्स्थाघपित नहीं की जा सकती.

    9. पॉलिसीधारक द्वारा वहन किये जाने वाले जोखिम :

    1. एलआईसी जीवन साथी प्लहस एक यूनिट से जुड़ा संयुक्त जीवन बीमा उत्पा द है, जो पारंपरिक बीमा उत्पाददों से अलग है और जोखिम घटकों का विषय है.
    2. यूनिट से जुड़ी जीवन बीमा पॉलिसियां निवेश जोखिम का विषय हैं और पूंजी बाज़ार से संबंद्ध हैं एवं यूनिटों का एनएवी निधि के प्रदर्शन और पूंजी बाज़ार के प्रभावी घटकों के आधार पर बढ़ या घट सकता है तथा अपने निर्णय के लिये पॉलिसीधारक स्वायं ज़िम्मे दार है.
    3. भारतीय जीवन बीमा निगम केवल एक बीमा कंपनी है और एलआईसी की जीवन साथी प्लअस केवल एक यूनिट से जुड़े जीवन बीमा अनुबंध का का नाम है और किसी भी तरह से अनुबंध की गुणवत्ता, इसकी भावी अपेक्षाओं या प्राप्तिैयों की ओर संकेत नहीं करता है.
    4. कृपया अपने बीमा अभिकर्ता या मध्यजस्थ या बीमाकर्ता के पॉलिसी दस्ताावेज से संबद्ध जोखिम और लागू शुल्कोंे के बारे में जानें.
    5. इस अनुबंध के अंतर्गत प्रस्ताावित विभिन्‍न निधियां केवल निधियों के नाम मात्र हैं और किसी भी तरह से इन योजनाओं की गुणवत्ता, उनकी भावी अपेक्षाओं और प्राप्तिनयों की ओर संकेत नहीं करती है.
    6. पॉलिसी के अंतर्गत सभी लाभ समय- समय पर लागू कर कानूनों और अन्यम वित्तीय अधिनियमों के अधीन हैं.

     

    10. कूलिंग ऑफ़ अवधि :
    यदि आप पॉलिसी के “ नियमों और शर्तों ” से संतुष्टा नहीं हैं, तो आप 15 दिनों के भीतर हमें पॉलिसी लौटा सकते हैं. यदि कूलिंग ऑफ़ अवधि के भीतर पॉलिसी लौटाई जाती है, तो लौटाई जाने वाली राशि का निश्च य निम्ना़नुसार होगा:

    • » पॉलिसीधारक की निधि में मौज़ूद यूनिटों का मूल्यन
    • » जोड़ें अनावंटित प्रीमियम.
    • » जोड़ें काटे गये पॉलिसी प्रशासन शुल्का
    • » घटाएं एल.ए. और एस.एल.ए. दोनों की प्रति हज़ार बीमित रकम पर 0.20 रु. की दर से साथ में लिया गया शुल्क
    • » घटाएं दोनों व्यपक्तिियों के चिकित्स कीय परीक्षण और विशेष रिपोर्ट्स, यदि हों, का वास्त्विक व्ययय

    11. कर्ज़ :
    इस योजना के अंतर्गत कोई कर्ज़ उपलब्ध नहीं होगा.

    12. कार्यप्रभार :
    इस योजना के अंतर्गत कार्य प्रभार की अनुमति होगी.

    13. निवारण :
    यदि एक वर्ष के भीतर किसी भी समय पी.एल.ए. आत्म.हत्या कर लेता है, तो मृत्यु पर निगम इस पॉलिसी के संबंध में पॉलिसीधारक का निधि मूल्यस विस्ताआरित करने के सिवाय कोई और दावा स्वी्कार नहीं करेगा और एक वर्ष के अंदर एस.एल.ए. द्वारा आत्म हत्या कर लेने पर निगम इस पॉलिसी के संबंध के किसी तरह के दावे को स्वी कार नहीं करेगा.

    टिप्पइणी: इस विवरणिका में पॉलिसीधारक पी.एल.ए. की ओर संकेत करता है.यदि पी.एल.ए.जीवित ना हो, तो इसका आशय एस.एल.ए. से है.